शब्द -अक्षरों के सही मेल को शब्द कहते हैं। जैसे –
न + म + क = नमक (खानेवाली वस्तु)
अगर सही मेल न हो तो उसे निरर्थक (बिना अर्थ का) शब्द कहते हैं। जैसे-
क + म + न =कमन ( कोई अर्थ नहीं )
शब्द के भेद
शब्दों के भेद मुख्यत दो आधार पर किए जाते हैं—
(1) उत्पत्ति के आधार पर
(2) रूपान्तर के आधार पर
- शब्द की उत्पत्ति का अर्थ होता है कि कौन-सा शब्द अपने देश का है और कौन-सा विदेश का उसी तरह कौन-सा शब्द संस्कृत का है या संस्कृत से आया है। इस आधार पर शब्दों के चार भेद हैं—
(i) तत्सम
(ii) तद्भव
(iii) देशज और
(iv) विदेशज।
(i) तत्सम – संस्कृत के जो शब्द हिन्दी में ज्यों-के-त्यों लिखे या बोले जाते हैं उन्हें तत्सम कहते हैं। जैसे—
अंक, अग्नि, आज्ञा, कर्पूर, पुस्तक, फल, कृपा, सर्प, पक्ष आदि ।
(ii) तद्भव — जो शब्द संस्कृत के बिगड़े हुए रूप है उन्हें तद्भव कहते है | जैसे –
तत्सम | कर्पूर | खर्जूर | अग्नि | सर्प | पक्ष | चन्द्र | लौह | दधि | दुग्ध |
तद्भव | कपूर | खजूर | आग | साँप | पंख | चाँद | लोहा | दहि | दूध |
(iii) देशज – जो शब्द देशी बोल-चाल से आए हैं उन्हें देशज कहते हैं। जैसे—कबड्डी, कुत्ता, खच्चर, खरहा. चमचम नानी, बेसन आदि।
(iv) विदेशज — जो शब्द विदेशी भाषा से आए हैं उन्हें विदेशज कहते हैं। जैसे–
अंगरेजी- चॉकलेट जून टाई, टेबुल रबड़ हाउस आदि।
उर्दू-अंगूर अक्ल औरत, गुस्सा, लिफाफा, किताब आदि। 1
2 . चाहे जिस प्रकार के हो उनमें कुछ शब्दों का रूप बदलता है और कुछ का नहीं।
जैसे— लड़का लड़की, कुत्ता, बिल्ली, मेरा, काला, खाता आदि।
वह लड़का है।
वे लड़के हैं।
उन लड़कों को बुलाओ।
लड़का – लड़के – लड़कों (रूप बदल गया ।)
कुछ शब्दों का रूप कभी नहीं बदलता है। जैसे— अब अभी आगे, और, नहीं, वाह, धन्यवाद आदि ।
वह अब आएगा
वे अब आएँगे।
उन्हें अब बुलाओ।
अब अब अब (रूप नहीं बदला ।)
शब्द का रूप बदलना रूपान्तर कहलाता है। इस आधार पर शब्दों के दो भेद है—
(i) विकारी शब्द और
(ii) अविकारी शब्द।
(i) विकारी शब्द – जिन शब्दों का रूप बदलता है उन्हें विकारी शब्द कहते हैं। इनके भेद हैं-
(क) संज्ञा
(ख) सर्वनाम
(ग) विशेषण और
(घ) क्रिया ।
(ii) अविकारी शब्द – जिन शब्दों का रूप नहीं बदलता है उन्हें अविकारी शब्द कहते हैं। इनके भेद हैं- (क) क्रियाविशेषण
(ख) समुच्चयबोधक
(ग) सम्बन्धबोधक और
(घ) विस्मयादिबोधक
अभ्यास
1।शब्द किसे कहते है (न कम) और (ल कम) अक्षरों से अलग-अलग एक-एक शब्द बनाएँ।
उत्तर= शब्द -अक्षरों के सही मेल को शब्द कहते हैं।
1, न + म + क= नमक
2,क + म + ल = कमल
3, म + ह + क = महक
4, ल + ह + र =लहर
5, क + ह + र = कहर
2 उत्पत्ति के आधार पर शब्दों के कितने भेद हैं इनके नाम लिखे
उत्तर = शब्दों के भेद मुख्यत दो आधार पर किए जाते हैं—
(1) उत्पत्ति के आधार पर
(2) रूपान्तर के आधार पर
3 तत्सम शब्द किसे कहते है ? ऐसे किन्हीं दो शब्दों को लिखें।
उत्तर = तत्सम – संस्कृत के जो शब्द हिन्दी में ज्यों-के-त्यों लिखे या बोले जाते हैं उन्हें तत्सम कहते हैं। जैसे—अंक, अग्नि, आज्ञा, कर्पूर, पुस्तक, फल, कृपा, सर्प, पक्ष आदि
4. तद्भव शब्द किसे कहते हैं ऐसे किन्हीं दो शब्दों को लिखें।
उत्तर = (ii) तद्भव — जो शब्द संस्कृत के बिगड़े हुए रूप है उन्हें तद्भव कहते है | जैसे –
तत्सम | कर्पूर | खर्जूर | अग्नि | सर्प | पक्ष | चन्द्र | लौह | दधि | दुग्ध |
तद्भव | कपूर | खजूर | आग | साँप | पंख | चाँद | लोहा | दहि | दूध |
5 देशज शब्द किसे कहते है ऐसे किन्हीं दो शब्दों को लिखे।
उत्तर = देशज – जो शब्द देशी बोल-चाल से आए हैं उन्हें देशज कहते हैं। जैसे—कबड्डी, कुत्ता, खच्चर, खरहा. चमचम नानी, बेसन आदि।
6 विदेशज शब्द किसे कहते है ? ऐसे किन्ही दो शब्दों को लिखे।
उत्तर = विदेशज — जो शब्द विदेशी भाषा से आए हैं उन्हें विदेशज कहते हैं। जैसे–
अंगरेजी- चॉकलेट जून टाई, टेबुल रबड़ हाउस आदि।
7 रूपान्तर के आधार पर शब्दों के कितने भेद है? इनके नाम विकारी शब्द किसे कहते है ? इनके भेद लिखे ।
उत्तर = शब्द का रूप बदलना रूपान्तर कहलाता है। इस आधार पर शब्दों के दो भेद है—
(i) विकारी शब्द और
(ii) अविकारी शब्द।
8 अविकारी शब्द किसे कहते हैं ? इनके भेद लिखे।
उत्तर = अविकारी शब्द – जिन शब्दों का रूप नहीं बदलता है उन्हें अविकारी शब्द कहते हैं। इनके भेद हैं- (क) क्रियाविशेषण
(ख) समुच्चयबोधक
(ग) सम्बन्धबोधक और
(घ) विस्मयादिबोधक
10 सही शब्द चुनकर खाली जगहो को भरे—
(क) अक्षरों के सही मेल को शब्द कहते हैं।
(ख) शब्दों के भेद मुख्यत दो आधार पर किए जाते हैं।
(ग) उत्पत्ति के आधार पर शब्दों के दो भेद है।
(घ) रूपान्तर के आधार पर शब्दों के चार भेद हैं (दो चार)
(ङ) संस्कृत के जो शब्द ज्यो-के-त्यो व्यवहार में आते है उन्हें तत्सम कहते हैं। (तत्सम तद्भव)
कहते
(च) जो शब्द संस्कृत के बिगड़े हुए रूप हैं तत्सम उन्हें हैं।(तत्सम तद्भव)
(छ) जो शब्द देशी बोल-चाल में पाए जाते हैं उन्हें तद्भव कहते हैं।(तत्सम तद्भव)
(ज) जो शब्द विदेशी भाषा से आए हैं उन्हें विदेशज कहते हैं।
(झ) जो शब्द अपने रूप बदलते हैं उन्हें विकारी शब्द कहते हैं
जो शब्द अपने रूप नहीं बदलते हैं उन्हें अविकारी शब्द कहते है।
कहते (विकारी अधिकारी) 11
.11 इनमें से तत्सम एवं तद्भव शब्दों को चुनकर लिखे
अंक, अग्नि, आग ,आज्ञा ,कर्पूर, पुस्तक, फल, कृपा, सर्प, पाँख, साँप, कपूर, खजूर, चाँद ,दही ,लोहा ,।
तत्सम = अग्नि,आज्ञा ,कर्पूर, सर्प, पाँख, साँप,चाँद ।
तद्भव = अंक, आग ,आज्ञा , पुस्तक, फल, कृपा, साँप, कपूर, खजूर, चाँद ,दही ,लोहा ,।
- इनमें से देशज और विदेशज शब्दों को चुनकर लिखे-
देशज =कबड्डी, कुत्ता, खच्चर, खरहा. चमचम नानी, बेसन आदि।
विदेशज =चॉकलेट जून टाई, टेबुल रबड़ हाउस।
- इन शब्दों का तद्भव रूप लिखें-
(क) अग्नि=आग
(ख) खर्जूर= खजूर
(ग) सर्प=साँप
(घ) कर्पूर =कपूर
(ङ) चन्द्र= चंद
(छ) दधि = दही
(च) लौह = लोहा
(ज) पक्ष= पंछी
-(झ) दुग्ध= दूध
- इनमें से विकारी और अविकारी शब्दों को चुनकर लिखे-
लड़का, लड़की, अब, अभी, कुत्ता, और ,मेरा, आगे, वाह, काला,नहीं, खाता ।
विकारी = लड़का लड़की, कुत्ता, बिल्ली, मेरा, काला, खाता
अविकारी=अब अभी आगे, और, नहीं, वाह, धन्यवाद
15 पढे, समझे और खाली जगह को भरे ।
उदाहरण ;-अ,र,गु,= अंगूर
(क) लं. र. गू= लंगूर
(ख) ल,क, म =कमल
(ग) द,ल का= लड़का
(घ) ल. की, इ= लड़की
(ड) ट, ट, म,म = टमटम