DAV Class 8 Hindi Gyan Sagar Chapter 2 Solutions asal dhan (असल धन) are prepared by subject experts. With the help of these solutions for Class 8 Gyan Sagar book, you can easily grasp basic concepts better and faster. It is a perfect guide to help you to score good marks in school examination.
DAV Class 8 Hindi Gyan Sagar Chapter 2 Solutions asal dhan
DAV class 8 Hindi Chapter 2 Solutions is given below. Here class 8 Hindi Question Answer is provided with great explanation.
Highlights
- 1. पाठ में से
- 2. बातचीत के लिए
- 3. अनुमान और कल्पना
- 4. भाषा की बात
- 5. जीवन मूल्य
पाठ में से
1. गाँव वाले दारा का सम्मान क्यों करते थे?
उत्तर: गाँव वाले दारा का सम्मान इसलिए करते थे क्यों की वह बहुत ही बुद्धिमान था । उसके पास अनेक गुण थे । गाँव वाले अपनी कठिन और जटिल समस्या लेकर उसके पास आते और वह उन्हें बहुत हिं बुद्धिमानी से सुलझा देता था । गाँव के सभी समस्याओ को वही सुलझाता था । धीरे-धीरे उसकी बुद्धिमानी की चर्चा सारी ओर फ़ैल गई ।
2. शाह द्वारा दारा को अपने दरबार में रखने का क्या कारण था?
उत्तर: जब दारा की बुद्धिमानी की चर्चा ईरान के शाह के कानों तक पहुँची तो वो दूत भेजकर अपनी समस्या दारा को बताया और सुझाव माँगा कि वह क्या करें । दारा ने उस समस्या को तुरंत सुलझा दिया । ये देख कर शाह दंग रह गए । शाह ने कहा यह दारा कोई साधारण चरवाहा नहीं है उसका स्थान जंगल में नहीं महल में है । शाह ने अपना दूत भेजकर दारा को दरबार में बुलाया और महल में रहने का प्रस्ताव दिया जिसे दारा ने मान लिया । शाह द्वारा दारा को अपने दरबार में रखने का यही कारन था ।
3. दरबारी दारा से ईर्ष्या क्यों करते थे?
उत्तर: दारा के राजदरबार का सदस्य बनते ही कुछ ही समय में उसने अपनी बुद्धि के बल पर राज्य की अनेक समस्याओं को हल कर दिया। दारा की काबिलियत देख कर शाह बहुत खुश हुए । दारा धीरे-धीरे शाह के चहेते बनता गया और अन्य दरबारी की इज्जत शाह की नजरों में कम हो गई। इस वजह से दरबारी दारा से ईर्ष्या करने लगे थे ।
4. शाह ने दारा को गवर्नर बनाकर क्यों भेजा?
उत्तर: शाह ने दारा को ईरान के एक प्रांत का गवर्नर बनाकर भेजा क्योंकि वहाँ का शासन बिगड़ चुका था। सरकारी अधिकारी और कर्मचारी भ्रष्ट हो चुके थे। सबलोग मनमानी करने लगे थे, और जान-माल सुरक्षित नहीं था । शाह को चिंता होने लगा की क्या करें । तब शाह ने दारा को उस प्रान्त की राजनैतिक स्थिति सुधारने केलिए गवर्नर बना कर भेज दिया।
5. दारा अपने बक्से में क्या रखता था और क्यों?
उत्तर: दारा अपने बक्से में भेड़ की ऊन से बना हुआ एक पुराना कोट रखता था । वह उस कोट को इसलिए साथ रखता था क्यों की कोट उसे गरीब चरवाहा होने का याद दिलाता था और उसके मन में कभी घमंड पैदा नहीं होने देता था ।
6. कहानी के दिए गए अंश को पढ़कर तीन प्रश्न बनाइए–
दारा के पहुँचते ही प्रांत के हालात सुधरने लगे। वह स्वयं हर स्थान पर जाता और लोगों से पूछता कि उन्हें क्या दुख है? वह नगर-नगर जाकर दरबार लगाता और दोषियों को सज़ाएँ देकर लोगों को न्याय दिलाता प्रांत में शांति फैल गई। लोग नए गवर्नर के गुण गाने लगे।
उत्तर:
क. प्रान्त के हालात क्यों सुधरने लगे ?
ख. प्रान्त में शांति कैसे फ़ैल गई ?
ग. लोग नए गवर्नर के गुण क्यों गाने लगे ?
बातचीत के लिए
1. चरवाहे का जीवन कैसा था?
उत्तर: चरवाहे का जीवन बड़ा ही सामान्य था। वह बड़ा ही गरीब था। बस, दिन में दो समय रूखी-सूखी रोटी मिल जाती थी। पहनने के लिए भेड़ की ऊन से बने फटे-पुराने कपड़े थे और रहने के लिए एक छोटी-सी झोपड़ी थी जिसकी आधी छत गिर चुकी थी। गरीब होते हुए भी गाँव वाले उसका बड़ा सम्मान करते थे। इसका कारण उसके अनेक गुण थे। वह बड़ा ही बुद्धिमान था। गाँव वाले अपनी कठिन और जटिल समस्याएँ लेकर उसके पास आते और वह उन्हें बड़ी बुद्धिमानी से सुलझा देता था। गाँव के सब झगड़ी का निबटारा वही करता था।
2. कहानी में से ऐसे अंश छाँटकर बताइए जिनसे दारा के बुद्धिमान होने का पता चलता है।
उत्तर: कहानी का वह अंश जिसमें दारा पर धन लूटने का आरोप लगाया गया पर उसने अपने आपको निर्दोष साबित किया और उनलोगों को भी शर्मिंदा होने पर मजबूर कर दिया जिन्होंने दारा पर बेईमानी का आरोप लगाया था।
3. दौरे पर जाते समय दारा दूसरा घोड़ा क्यों रखता था?
उत्तर: दौरे पर जाते समय दारा दूसरा घोडा रखता था ताकि उसकी पीठ पर वह अपने उस बक्से को रख सके जिसमें उसके फटे-पुराने कपड़े थे।
4. दरबारियों ने दारा के खिलाफ़ शाह से क्या कहा?
उत्तर: दरबारियों ने दारा के खिलाफ़ शाह के कान भरने के लिए उनसे यह कहा कि द्वारा जब दौरे पर जाता है तो अपने साथ दूसरे घोड़े पर एक बक्सा भी रखता है जिसमें वे मासूम जनता से लूटा हुआ धन रखता है। द्वारा आपके दिए हुए अधिकारों का अनुचित लाभ उठा रहा है।
अनुमान और कल्पना
1. शाह ने दारा के पास दूत को भेजकर किस समस्या को सुलझाने के लिए कहा? अनुमान लगाइए, दारा ने समस्या को कैसे सुलझ होगा?
उत्तर: शाह ने दारा के पास दूत भेजकर उसकी बुद्धि की परीक्षा लेने हेतु राज्य से जुड़ी किसी समस्या को सुलझाने के लिए कहा होगा। दारा ने अपनी सूझ-बूझ और अपने अनुभव से समस्या का समाधान निकाला होगा।
2. यदि दरबारियों के कहे अनुसार दारा के बक्से से बेईमानी से एकत्र किया गया धन निकलता तो क्या होता?
उत्तर: यदि दरबारियों के कहे अनुसार दारा के बक्से से बेईमानी से एकत्र किया गया धन निकलता तो उसे राज्य के कानून के अनुसार बेईमानी के अपराध में सजा मिलती।
3.पाठ का शीर्षक ‘असल धन’ क्यों रखा गया? इस पाठ का कोई अन्य शीर्षक सुझाइए तथा यह भीबताइए कि आपने यह शीर्षक क्यों चुना?
उत्तर: पाठ का शीर्षक ‘असल धन’ रखा गया है क्योंकि लेखक को यह भली-भाँति ज्ञात है कि चरित्र, सदाचरण और ईमानदारी ही सही मायने में किसी भी व्यक्ति का असल धन होता है। मैं इस पाठ के लिए दो शीर्षक रखूँगा पहला दारा बनाम दरबारी क्योंकि इसमें मुख्य भूमिका दारा और अन्य दरबारी ही निभाते हैं। मैं इस कहानी का दूसरा नाम दारा की दिलेरी’ रखूँगा क्योंकि विषम परिस्थितियों में भी दारा विचलित नहीं हुआ और उसने अपनी ईमानदारी सिद्ध कर दी।
भाषा की बात
1. पाठ में से दो-दो व्यक्तिवाचक, जातिवाचक, भाववाचक संज्ञा शब्द छाँटकर लिखिए-
व्यक्तिवाचक संज्ञा जातिवाचक संज्ञा भाववाचक संज्ञा
क. ईरान प्रांत दुख
ख. दारा भेड़ निराशा
2. मुहावरों के प्रयोग से भाषा आकर्षक बनती है इनका अक्षरशः अर्थ नहीं बल्कि लाक्षणिक अर्थ लिया जाता है। पाठ में अनेक मुहावरे आए हैं जैसे- ‘फूला न समाना’ जिसका अर्थ है-बहुत खुश होना। अब आप दिए गए मुहावरों का वाक्य में प्रयोग कीजिए-
क. कान भरना – चुगली करना – दरबारियों ने दारा के खिलाफ शाह के कान भर दिए ।
ख. दंग रह जाना – हैरान होना – शाह की सच्चाई जानकर सारे दरबारी दंग रह गए।
ग. आँखों में चमक आना – उत्सुकता से देखना – सपेरे को देखते ही सारे बच्चों की आँखों में चमक आ गई।
3. पाठ में कई ‘विशेषण’ शब्द आए हैं। आप बताइए कि वे किसकी विशेषताएँ बता रहे हैं-
विशेषण शब्द किसकी विशेषता बता रहे हैं
(क) गरीब दारा
(ख) रूखी-सूखी रोटी
(ग) भ्रष्ट अधिकारी
(घ) बुद्धिमान, समझदार, ईमानदार दारा
(ङ) जटिल समस्या
जीवन मूल्य
1. क्या आपको घर में विद्यालय में किसी से ईर्ष्या होती है? क्यों?
उत्तर: छात्र स्वयं करें।
2. ईर्ष्या करना उचित है या अनुचित? क्यों?
उत्तर: ईर्ष्या करना कुछ अंशों में सही है और अधिक अंशों में खराब। ऐसा इसलिए क्योंकि जिसके मन में ईर्ष्या होती है। अगर वह अपनी ऊर्जा दूसरों की क्षति में लगाने के बजाय आत्म-उन्नति में लगाए तो ईर्ष्या का सकारात्मक पक्ष सामने आता है अन्यथा शेष स्थिति में इसने नकारात्मक पक्ष ही सम्मुख होता है।
3. मन में ईर्ष्या का भाव उत्पन्न ही न हो, इसके लिए आप क्या करेंगे?
उत्तर: मन में ईष्या भाव उत्पन्न ही न हो इसके लिए हमारा मन किसी विशेष लक्ष्य से पूर्ण होना चाहिए जिसमें किसी और क्षेत्र के बारे में सोचने या चर्चा करने के लिए फिजूल समय ही न हो। ऐसी स्थिति में हमारा मन केवल हमारे लक्ष्य पर केन्द्रित रहता है।
4. आप अपने पास मित्रों और संबंधियों द्वारा भेंट की गई किन वस्तुओं को सँभालकर रखते हैं?
उत्तर: मैं अपने मित्र या संबंधियों द्वारा भेंट की जाने वाली चीज़ों में खासकर उन चीज़ों को सँभालकर रखने का प्रयास करता हूँ, जो हस्तनिर्मित होती हैं। ऐसा इसलिए कि हस्तनिर्मित चीज़ों भेट में देनेवाले की भावना के साथ उनका समय भी नियोजित रहता है।