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These exercise of chapter 19 jeevan ka sach contains 5 questions and the answers to them are provided in the DAV Class 8 Hindi Chapter 19 Question Answer. Solutions of DAV Class 8 Hindi chapter 19 jeevan ka sach help to boost the writing skills of the students, along with their logical reasoning.
DAV Class 8 Hindi Gyan Sagar Chapter 19 jeevan ka sach Solutions
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Highlights
- पाठ में से
- बातचीत के लिए
- अनुमान और कल्पना
- भाषा की बात
- जीवन मूल्य
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DAV Class 8 Hindi Chapter 19 Question Answer
पाठ में से
1. रोहन ने अपना काम कम समय में करने का क्या कारण बताया?
उत्तर: रोहन ने अपना काम कम समय में करने का यह कारण बाताया कि उसका एक बड़ा भाई जो दिव्यचक्षु है, वह कॉलेज में गणित विशेष की पढ़ाई कर रह है। मैं उसके लिए सारे पाठ ज़ोर-ज़ोर से बोलकर पढ़ता हूँ। जिस वजह से मैं भी गणित सीख जाता हूँ और जब मुझे कुछ समझ में नहीं आता तब मैं अपने भाई की मदद ले लेता हूँ।
2. अध्यापिका ने लुई ब्रेल और बीथोवन के बारे में क्या बताया?
उत्तर: अध्यापिका ने लुई ब्रेल के बारे में बताया कि वे स्वयं देख नहीं सकते थे परंतु उन्होंने दिव्यचक्षु लोगों के लिए ब्रेल लिपि का आविष्कार किया। बीथोवन के बारे में बताते हुए, अध्यापिका ने कहा कि वे स्वयं सुन नहीं सकते थे परंतु सबसे मधुर संगीत रचना करने के लिए वे जगत प्रसिद्ध हैं।
3. बोलने की प्रबल इच्छा शक्ति के कारण हेलेन क्या-क्या करती थीं?
उत्तर: बोलने की प्रबल इच्छा शक्ति के कारण हेलेन तरह-तरह की आवाजें निकालती थीं और ऐसा करते हुए अपना एक हाथ गले पर और दूसरा हाथ होंठों के ऊपर रखती थी ताकि दोनों जगह होने वाले परिवर्तनों को महसूस कर सकें।
4. सारह फुलर से हेलेन ने किस प्रकार बोलना सीखा?
उत्तर: होरेस मान स्कूल की प्राचार्या सारह फुलर ने हेलेन को बोलना सिखाने के लिए उसके हाथ को अपने चेहरे पर रखा ताकि हेलेन होंठों व जीभ की बनावट और उनमें आ रहे परिवर्तनों को समझ सके और ऐसा करते-करते हेलेन कड़े अभ्यास के बाद बोलना सीख गई।
5. हेलेन का जीवन सबको क्या प्रेरणा देता है?
उत्तर: हेलेन का जीवन वास्तव में प्रेरणादायक है। उनके जीवन से हमें यह प्रेरणा मिलती है कि चाहे मनुष्य किसी भी स्थिति में क्यों न रहें अपने जीवन को मिसाल के रूप में प्रस्तुत कर दिखाने की क्षमता उसके अंदर ही रहती है, जरूरत है तो सिर्फ प्रबल इच्छा की।
6. उचित शब्द द्वारा रिक्त स्थान भरिए-
(क) गणित की अध्यापिका ने ___________ मुश्किल सवाल हल करने के लिए दिए।
(ख) रोहन की बातें सुनकर हम सब ___________ रह गए।
(ग) हेलेन ने कहा कि दुनिया की सबसे अच्छी चीजेंव ___________ व छुई नहीं जा सकती हैं।
(घ) अपना चेहरा सूर्य के प्रकाश की ओर रखें तो कोई ___________ नजर नहीं आएगी।
(ङ) मेरे मन में भी कुछ कर ___________ का नवीन उत्साह भर गया।
उत्तर: (क) पाँच (ख) चकित (ग) देखी (घ) परछाई (ड) गुजरने
7. नीचे दिए गए कथा अंश के वाक्यों को क्रमानुसार क्रम संख्या दीजिए-
- हेलेन का जन्म 27 जून, 1880 को हुआ।
- उनकी इस अवस्था से सब चिंतित हो गए।
- वे जब डेढ़ साल की थीं तब अचानक बहुत बीमार हो गई।
- अपने परिवार व अध्यापिका सुलीवान के सहयोग से उन्होंने स्नातक की डिग्री प्राप्त की।
- अपनी कड़ी मेहनत के बल पर उन्होंने अनेक पुस्तकों की रचना भी की।
- उस बीमारी के कारण उनकी देखने व सुनने की शक्ति चली गई।
उत्तर: 1, 3, 6, 2, 4, 5
बातचीत के लिए
1. मेधावी छात्र में कौन-कौन से गुण होने चाहिए?
उत्तर: मेधावी छात्र में ज्ञानार्जन की प्रबल इच्छा, गुरुजनों के प्रति सम्मान, दृढ़ संकल्प शक्ति, विनीत और चरित्रवान होना जैसे गुण होने चाहिए।
2. दृढ़-विश्वास ही वह परम शक्ति है जिससे हम अपने भीतर प्रकाश भर लेते हैं। चर्चा कीजिए।
उत्तर: दृढ़ विश्वास ही सभी सफलता की कुंजी है। यह विश्वास ही है जो हमें रुकने नहीं देता, यह विश्वास ही है जो हमें निरंतर यह कहता है कि हमें एक दिन जरूर सफलता मिलेगी, यह विश्वास ही है जो हममें नवीन श्वास और फुर्ती का संचार करता रहता है और इसी विश्वास की वजह से हम एक दिन अपने भीतर प्रकाश भर लेते हैं।
3. हम सीमाओं को अच्छे अवसरों में किस प्रकार बदल सकते हैं?
उत्तर: सीमा हमें प्रतिबंधित कर देती है। हमें आगे बढ़ने से रोकती है परंतु जब हम यह मान बैठते हैं कि हमारे अंदर असीम शक्ति है, ऊर्जा का पुंज हमारे भीतर ही है तो उस विश्वास से ओत-प्रोत होकर हमारा किया गया कार्य प्रशंसनीय और शिरोधार्य हो जाता है। फलस्वरूप हम सीमाओं से मुक्त हो जाते हैं और इस तरह से हम सीमाओं को अच्छे अवसरों में बदल सकते हैं।
4. आपको कब-कब लगता है कि आपके आस-पास सारी प्रकृति खुशनुमा है?
उत्तर: आस-पास की प्रकृति का खुशनुमा लगना एक प्रकार की मानसिक स्थिति होती है। मुझे हमेशा यही लगता है कि मेरे आस-पास की सारी प्रकृति खुशनुमा है।
5. हेलेन में बोलने की प्रबल इच्छा थी। आप में क्या करने की प्रबल इच्छा है?
उत्तर: मुझे कुछ ऐसा करने की प्रबल इच्छा है जैसा पहले किसी ने न किया हो। इसका निर्णय अभी कर पाना मेरे लिए संभव नहीं।
अनुमान और कल्पना
1. यदि आपका कोई मित्र दिव्यांग बच्चा है तो आप उसके लिए क्या करेंगे?
उत्तर: मेरे कुछ मित्र हकीकत में दिव्यांग हैं और वे भविष्य में अपनी मदद खुद कर सकें इसके लिए मैं उन्हें कुछ-कुछ कौशल सिखाता हूँ। उनकी पढ़ाई-लिखाई में उनकी मदद करता हूँ और आवश्यकतानुसार आर्थिक मदद भी करता हूँ।
2. अगर आप हेलेन केलर से मिलते तो आप उनसे क्या बातचीत करते?
उत्तर: अगर मुझे हेलेन केलर से मिलने का सौभाग्य प्राप्त होता तो मैं उनके संघर्षमयी जीवन के बारे में पूछता और उनके अनुभवों से अपने जीवन को दूसरों के लिए प्रेरणास्रोत बनाने का अथक प्रयास करता।
भाषा की बात
1. नीचे दिए गए शब्दों में से मूल शब्द और प्रत्यय अलग-अलग करके लिखिए-
उत्तर:
शब्द मूल शब्द प्रत्यय
(क) कठिनाई कठिन आई
(ख) सफलता सफल ता
(ग) व्यक्तित्व व्यक्ति त्व
(घ) बोलकर बोल कर
(ङ) प्रेरणादायी प्रेरणा दायी
2. दिए गए शब्दों के सामने उचित विशेषण या विशेष्य भरिए-
उत्तर:
विशेषण विशेष्य
क. मेधावी छात्र
ख. मुश्किल परिस्थिति
ग. मधुर संगीत
घ. अद्भुत प्रतिभा
जीवन मूल्य
1. क्या आपको भी लगता है कि आत्मदया हमारी सबसे बड़ी शत्रु है? कैसे?
उत्तर: आत्मदया वास्तव में स्वयं के लिए सबसे बड़ा शत्रु साबित होता है, क्योंकि जब हम खुद पर दया करने लगते हैं तो विपत्ति में अपने आपको समस्या के समक्ष घुटने टेक देने के लिए मजबूर हो जाते हैं। आत्मदया के कारण ही हम आम बनकर रह जाते हैं खास बनने की लीक से खुद को अलग कर देते हैं।
2. जीवन के प्रति उत्साह बनाए रखना और स्वयं को मिली खुशियों को पहचानना जरूरी है? क्यों?
उत्तर: जीवन को काटना नहीं जीना चाहिए और जीवन को जीने के लिए हमें एक-एक पल को खुशी से बिताना चाहिए। चाहे स्थिति जैसी भी हो, जीवन के प्रति उत्साह और खुशी को पहचाना भी बहुत जरूरी होता है। क्योंकि खुशियाँ किसी बाहरी वस्तु पर नहीं बल्कि हमारी मानसिक स्थिति पर निर्भर करता है। जो अपने जीवन से प्रेम करता है, उत्साही रहता है, उसे सभी पसंद करते हैं और उसके साथ में रहना भी चाहते हैं।