Get the solution of Class 6 Hindi Chapter 7 Sundar Lal (सुंदर लाल) from here.
पाठ में से
1. सुंदर लाल की आत्मग्लानि का क्या कारण था?
उत्तर: सुंदरलाल जब बी.ए की परीक्षा देने नैनीताल जा रहा था तो उसने देखा की बहुत से मज़दूर बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई कर रहे थे। उसने उन मजदूरों को पेड़ की उपयोगिता बताते हुए पेड़ों की कटाई बंद करने को कहा परंतु कंपनी के मजदूरों ने जंगल को काटने का ठेका ले रखा था। उन्हें न रोक पाना ही सुंदरलाल की आत्मग्लानि का कारण था।
2. सुंदर लाल ने वृक्षों की कटाई रोकने के लिए कौन-कौन से कार्य किए?
उत्तर: सुंदर लाल ने वृक्षों की कटाई को रोकने के लिए गाँव-गाँव जाकर सभाओं का आयोजन किया लोगों को पेड़ों से होने वाले लाभों के बारे में बताया। पेड़ों की कटाई रोकने के लिए सरकार को पत्र लिखा। ‘तरु-रक्षण एवं वृक्षारोपण संस्थान’ का गठन किया तथा चिपको आंदोलन की शुरूआत भी की।
3. जब भी कंपनी मजदूर वृक्ष काटने लगते तो लोग क्या करते थे?
उत्तर: जब भी कंपनी के मज़दूर वृक्ष काटने लगते तो पेड़ों की रक्षा करने के लिए लोग पेड़ों से लिपट जाते थे।
4. उचित उत्तर पर सही का निशान लगाइए-
(क) सुंदर लाल पेड़-पौधों को किसके समान मानता था?
उत्तर: माता-पिता
(ख) सुंदर लाल अपनी बी. ए. की परीक्षा के लिए कहाँ जा रहे थे?
उत्तर: नैनीताल
5. पाठ के आधार पर नीचे कुछ कथन दिए गए हैं। सही कथनों को आगे सही का चिह्न एवं गलत के आगे गलत का चिह्न लगाइए-
(क) सुंदर लाल वृक्ष काटने वालों से लड़ाई-झगड़ा करता था।
उत्तर: सही
(ख) सुंदर लाल मैदानी गाँव में रहता था।
उत्तर: गलत
(ग) सुंदर लाल ने ‘तरु-रक्षण एवं वृक्षारोपण संस्थान’ का गठन किया।
उत्तर: सही
(घ) सुंदर लाल ने लोगों को फसलों की कटाई का ढंग समझाया।
उत्तर: गलत
(ङ) सुंदर लाल के इस आंदोलन से ‘चिपको आंदोलन’ का सूत्रपात हुआ।
उत्तर: सही
बातचीत के लिए
1. आपको सुंदर लाल में कौन-कौन से गुण नज़र आते हैं? पाठ में से ऐसे अंशों को उदाहरण के रूप में बताइए जो इन गुणों के बारे में बताते हैं।
उत्तर: मुझे सुंदर लाल में प्रकृति-प्रेमी होने का भाव नज़र आता है। क्योंकि वह बचपन से पेड़-पौधों से बहुत प्रेम करता था। वह संवेदनशील भी था तभी तो पेड़ों पर चलने वाले कुल्हाड़ियों का प्रहार उसे अपने शरीर पर प्रहार की भाँति लगते थे। उनमें नेतृत्व करने की भी अद्भुत क्षमता थी तभी तो उनके नेतृत्व में चिपको आंदोलन का आगाज हुआ। वे एक कुशल पर्यावरणविद् भी थे तभी तो पेड़ों के न रहने पर होने वाले असंतुलन का बोध उन्हें था।
2. सुंदर लाल पेड़-पौधों, वनों और वृक्षों के किस वैज्ञानिक महत्त्व को समझने लगे थे?
उत्तर: सुंदर लाल को पेड़ और पर्यावरण का जीवधारियों के साथ कितना घनिष्ट संबंध है इस बात का ज्ञान हो गया था। वे समझने लगे थे कि पेड़ों की कटाई से गर्मी बढ़ने लगेगी, वर्षा का अभाव होगा, मृदा का संरक्षण नहीं हो पाएगा, सूखे की स्थिति पैदा हो जाएगी और प्रकृति में असंतुलन आ जाएगा।
3. पर्यावरण को संतुलित बनाए रखने के लिए क्या करना चाहिए?
उत्तर: पर्यावरण को संतुलित बनाए रखने के लिए अधिक से अधिक मात्रा में पेड़-पौधे लगाने चाहिए। वृक्षों की कटाई पर रोक लगानी चाहिए तथा ऐसी सभाओं का आयोजन करना चाहिए जिसमें पेड़-पौधों के महत्व के विषय में चर्चा हो।
4. सुंदर लाल को पेड़ लगाने का बहुत शौक था। आपको किस चीज़ का बहुत शौक है? आप अपने शौक किस तरह से पूरे करते हो?
उत्तर: मुझे कहानियाँ लिखने का बहुत शौक है और मैं छोटी-छोटी कहानियाँ लिखकर तथा अपने दोस्तों को सुनाकर अपनी इच्छा पूरी करता हूँ।
अनुमान और कल्पना
1. यदि आपको कोई व्यक्ति पेड़ काटता नजर आए तो आप उसे किस तरह समझाएँगे?
उत्तर: यदि मुझे कोई पेड़ काटता नज़र आ जाए तो मैं उसे पेड़ों की उपयोगिता के बारे में बताऊँगा तथा पेड़ काटना एक कानूनन अपराध है ये बताते हुए, उसे पेड़ काटने से रोकूँगा।
2. कल्पना कीजिए कि अगर सारे पेड़ कट गए तो धरती का क्या होगा?
उत्तर: अगर धरती के सारे पेड़ कट जाए तो इस दुनिया में जीवन की कल्पना करना असंभव हो जाएगा।
भाषा की बात
1. नीचे लिखे युग्म-शब्दों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए-
(क) आस-पास- हमारे घर के आस-पास बहुत सारे पेड़ हैं।
(ख) मित्र-मंडली- मेरी मित्र-मंडली में सभी मित्र समझदार हैं।
(ग) हरे-भरे- जंगल हरे-भरे वृक्षों से भरा पड़ा है।
(घ) कहते-कहते- दादी कहानी कहते-कहते सो गई।
2. नीचे दिए गए शब्द पाठ से लिए हैं। बताइए कि ये स्त्रीलिंग हैं या पुल्लिंग-
शब्द लिंग
(क) शरीर- पुल्लिंग
(ख) पढ़ाई- स्त्रीलिंग
(ग) कुल्हाड़ियाँ- स्त्रीलिंग
(घ) पत्र- पुल्लिंग
(ङ) जंगल- पुल्लिंग
(च) कटाई- स्त्रीलिंग
जीवन मूल्य
- पेड़-पौधों में भी जीवन है। ये हमें अनाज, फल, छाया, ऑक्सीजन आदि देते हैं। धूप, वर्षा, जाड़ा, धूल आदि अपने ऊपर लेकर हमें सुख देते हैं।
1. पेड़-पौधों को काटना उचित नहीं है, कारण बताइए।
उत्तर: पेड़-पौधों को काटना उचित नहीं है क्योंकि उनमें भी जीवन होता है, उन्हें भी सुख-दुख और पीड़ा का एहसास होता है और सबसे बड़ी बात तो यह कि ये पेड़ हमें आजीवन अमूल्य चीजें देते रहते हैं और बदले में हमसे कभी कुछ भी नहीं माँगते।
2. पेड़-पौधों की विशेषता है-परोपकार करना। हमें भी उनकी तरह परोपकारी बनना चाहिए, क्यों?
उत्तर: हमें भी पेड़ों की तरह परोपकारी बनना चाहिए क्योंकि अगर हमें इस दुनिया में सदा के लिए अमर बनना है और अपने जीवन को सफल बनाना है तो हमें किसी न किसी के यादों में ही जिंदा रहना होगा और यह उसी समय संभव है जब हम दूसरों का उपकार करें।