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DAV Class 8 Hindi Chapter 17 Sona Question Answer
DAV Class 8 Hindi Chapter 17 Sona Solutions: DAV class 8 Hindi Chapter 17 Sona Question Answer is given below. Here DAV class 8 Hindi chapter 17 solutions is provided with detailed explanation.
Highlights
- पाठ में से
- बातचीत के लिए
- अनुमान और कल्पना
- भाषा की बात
- जीवन मूल्य
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पाठ में से
1. सुष्मिता कौन है? उसने पत्र के माध्यम से महादेवी वर्मा को क्या लिखा?
उत्तर: सुष्मिता स्वर्गीय डॉक्टर धीरेन्द्रनाथ बसु की पौत्री है। सुष्मिता ने पत्र के माध्यम से महादेवी वर्मा को आग्रह किया है कि उसके पास एक हिरण है जो बड़ी हो रही है और उसके घुमने के लिए ज्यादा जगह चाहिए और वह उसे ऐसे व्यक्ति को नहीं देना चाहती, जो उससे बुरा व्यवहार करे इसलिए वह उसे लेखिका को दे देना चाहती है।
2. लेखिका के प्रति स्नेह प्रदर्शित करने के लिए सोना क्या करती थी?
उत्तर: लेखिका के प्रति स्नेह प्रदर्शित करने के लिए सोना लेखिका के ऊपर से छलाँग लगाती थी, लेखिका के पैरों में अपना शरीर रगड़ने लगती थी और कभी-कभी तो वो लेखिका की साड़ी का छोर ही चबाने लगती थी।
3. घर, विद्यालय और छात्रावास में सोना के क्रिया-कलाप का वर्णन कीजिए।
उत्तर: घर में सोना लेखिका के पलंग के पाए से सटकर बैठना सीख गई थी। छात्रावास में भी वह प्रत्येक कमरे के बाहर भीतर निरीक्षण करती और छात्राएँ उसका शृंगार भी कर दिया करती थी। विद्यालय में भी वह कक्षाओं के बाहर भीतर चक्कर लगाया करती थी।
4. हिरन शावक से हिरनी बनने पर सोना में शारीरिक रूप से क्या परिवर्तन आए?
उत्तर: हिरण शावक से हिरनी बनने पर सोना में शारीरिक रूप से अनेक परिवर्तन आए जैसे उसके शरीर के रोएँ ताम्रवर्णी झलक देने लगे, टाँगें सुडौल और खुर अधिक काले हो गए। गर्दन अधिक बंकिम और लचीली हो गई। पीठ में भराव वाला उतार-चढ़ाव और स्निग्धता दिखाई देने लगी।
5. उचित उत्तर पर सही का निशान लगाइए–
(क) सोना कौन है?
उत्तर: हिरनी
(ख) सोना का पसंदीदा खाद्य क्या था?
उत्तर: बिस्कुट
(ग) गरमियों की छुट्टियों में लेखिका ने कहाँ जाने का कार्यक्रम बनाया?
उत्तर: बद्रीनाथ
(घ) लेखिका यात्रा पर अपने साथ किसे ले गई?
उत्तर: फ्लोरा
(ङ) ‘अनिर्वचनीय‘ का शाब्दिक अर्थ क्या है?
उत्तर: जिसे कहा न जा सके
6. दिए गए अंश को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर लिखिए–
संभवतः वह सोना के स्नेही और अहिंसक प्रकृति से परिचित हो गई थी। पिल्लों के बड़े होने पर और उनकी आँखें खुल जाने पर उन्हें भी अपने पीछे घूमने वाली सेना में सम्मिलित कर लिया और मानो इस वृद्धि की उपलब्धि में आनंदोत्सव मनाने के लिए अधिक देर तक मेरे सिर पर आर-पार चौकड़ी भरती रही। पर कुछ दिनों के उपरांत जब यह आनंदोत्सव पुराना पड़ गया, तब उसको शब्दहीन संज्ञाहीन प्रतीक्षा की स्तब्ध घड़ियाँ फिर लौट आई।
1. सोना की अहिंसक प्रकृति से कौन परिचित हो गई थी?
उत्तर: फ्लोरा सोना के अहिंसक प्रवृत्ति से परिचित हो गई थी।
2. सोना के जीवन में शब्दहीन, संज्ञाहीन प्रतीक्षा की स्तब्ध घड़ियाँ क्यों लौट आई?
उत्तर: सोना के जीवन में शब्दहीन, संज्ञाहीन प्रतीक्षा की स्तब्ध घड़ियाँ फिर से लौट आई क्योंकि उसी वर्ष लेखिका को छुट्टियों में बद्रीनाथ की यात्रा पर जाना था।
3. पाठ व लेखिका का नाम लिखिए।
उत्तर: पाठ का नाम सोना’ और लेखिका का नाम महादेवी वर्मा।
बातचीत के लिए
1. सोना के शैशवावस्था के रूप सौंदर्य के बारे में बताइए।
उत्तर: सोना एक हिरन है जो बेहद खूबसूरत है। उसकी ताम्रवर्णी रोएँ, सुडौल टांगे, खुरों का कालापन, लचीली और बंकिम गर्दन, पीठ की स्निग्धता तथा आँखों के चारों ओर खिंची कज्जल और आँखें नीलम रूपी बल्ब की तरह लगती थीं। सोना के सौंदर्य के ये विविध पक्ष उसकी सुंदरता को शत प्रतिशत सुंदर बनाने के लिए पर्याप्त हैं।
2. सोना के कौन-कौन से नाम उसके परिचय बन गए थे?
उत्तर: सोना बहुत ही खूबसूरत हिरनी थी। छात्रावास के सभी उसके सरल शिशु रूप से इतने प्रभावित हुए कि उसे सोना सुवर्णा, सुवर्णलेखा आदि नामों से पुकारा जाने लगा और यही नाम उसका परिचय बन गए।
3. माली ने सोना को क्यों बाँधना शुरू कर दिया था?
उत्तर: फ्लोरा और महादेवी की अनुपस्थिति में अक्सर सोना कंपाउंड से बाहर निकल जाया करती थी इस वजह से माली ने उसे मैदान में एक लंबी रस्सी से बाँधना शुरू कर दिया।
4. सोना की मृत्यु कैसे हुई?
उत्तर: जब सोना कंपाउंड में रस्सी से बँधी हुई थी तो शायद वह यह भूल गई कि उसके गले में रस्सी बँधी है, और उसने एक लंबी छलाँग लगाई। रस्सी के कारण वह मुँह के बल धरती पर आ गिरी और उसके प्राण पखेरू उड़ गए।
अनुमान और कल्पना
1. कल्पना कीजिए यदि महादेवी वर्मा फ्लोरा को अपने साथ न ले जाकर सोना को ले जाती तो क्या होता?
उत्तर: यदि लेखिका फ्लोरा की जगह सोना को अपने साथ ले जातीं तो शायद सोना की मौत नहीं होती।
2. यदि सोना की मृत्यु न होती और ग्रीष्मावकाश बिताकर जब लेखिका घर आती तो सोना का लेखिका के प्रति कैसा व्यवहार होता?
उत्तर: यदि ग्रीष्मावकाश के दौरान सोना की मृत्यु नहीं होती तो जब लेखिका बद्रीनाथ की यात्रा से वापस आती तो वह बड़ी प्रसन्नता के साथ सोना से मिलतीं और इतने दिनों की अनुपस्थिति को पाटने के लिए ज़्यादा से ज्यादा समय सोना के साथ व्यतीत करती।
भाषा की बात
1. पाठ में आए हुए ‘ईय’ और ‘इक’ प्रत्यय लगे शब्द छाँटकर लिखिए तथा एक-एक नया शब्द भी लिखिए-
उत्तर:
2. निम्नलिखित वाक्यों में निर्देशानुसार उत्तर लिखिए–
(क) भक्तिन को बोतल साफ़ करते देख वह दौड़ आती। (व्यक्तिवाचक संज्ञा छाँटकर लिखिए)
उत्तर: भक्तिन
(ख) गत वर्ष अपने पड़ोसी से मुझे एक हिरन मिला। (सर्वनाम छाँटकर लिखिए)
उत्तर: मुझे
(ग) ग्रीवा अधिक बंकिम और लचीली हो गई थी। (विशेषण छाँटकर लिखिए)
उत्तर: बंकिम और लचीली
(घ) टाँगें अधिक सुडौल और खुरों के कालेपन में चमक आ गई थी। (प्रविशेषण छाँटकर लिखिए)
उत्तर: अधिक
(ङ) भीतर आने पर वह मेरे पैरों से अपना शरीर रगड़ने लगती। (क्रिया का भेद लिखिए)
उत्तर: (रगड़ना) सकर्मक क्रिया
जीवन मूल्य
1. ‘इतनी बड़ी हिरणी को पालने वाले तो कम थे परंतु उसमें खाद्य और स्वाद प्राप्त करने के इच्छुक व्यक्तियों का बाहुल्य था‘ – पशु-पक्षियों के प्रति हमारा व्यवहार कैसा होना चाहिए?
उत्तर: पशु-पक्षियों के प्रति भी हमारा व्यवहार मानवीय होना चाहिए क्योंकि उनमें भी संवेदना होती है। उन्हें भी सुख-दुख का एहसास होता है। महात्मा गाँधी ने भी कहा था कि वह राष्ट्र वास्तव में अच्छा राष्ट्र होगा जो अपने राष्ट्र के पशु-पक्षियों के प्रति संवेदनशील रहे।
2. प्रस्तुत पाठ के आधार पर महादेवी वर्मा की स्वभावगत विशेषताओं का वर्णन कीजिए। आज के संदर्भ में इसकी उपयोगिता के बारे में बताइए।
उत्तर: महादेवी वर्मा एक भद्र महिला होने के साथ-साथ पशु-पक्षियों से अगाध प्रेम करने वाली करुणामयी कांता भी थीं। उन्होंने अपने छात्रावास में अनेक पशु-पक्षी पाल रखे थे और उनके संरक्षण का पूरा-पूरा ख्याल भी रखती थीं। आज के ज़माने में ऐसे व्यक्तित्व की नितांत आवश्यकता है क्योंकि आज के समय में मनुष्य हर अगले दिन पशुओं के प्रति क्रूर होता नजर आ रहा है।
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