DAV Class 6 Hindi Chapter 8 Question Answer नजानू कवि बना

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पाठ में से

1. नजानू क्या कहना चाहता था? क्या उसकी इच्छा पूरी हुई?

उत्तर: नजानू कविता कहना चाहता था। उसकी इच्छा तो पूरी हुई पर उसे उठक-बैठक लगानी पड़ी।

2. गुलदस्ता नजानू को कविता सिखाने से पहले क्या परखना चाहता था?

उत्तर: गुलदस्ता नजानू को कविता सिखाने से पहले यह परखना चाहता था कि नाजानू को तुक बनाना आता है या नहीं क्योंकि कविता लिखने में तुक का आना बहुत जरूरी होता है।

3. गुलदस्ता को अंततः क्यों स्वीकार करना पड़ा कि नजानू में कविता-लेखन की प्रतिभा है?

उत्तर: गुलदस्ता जब नजानू की तुक बनाने की प्रतिभा की परख कर रहा था तब नजानू ने कुछ तुक तो बनाए परंतु वे तुक अर्थहीन थे, बावजूद इसके वह ये मानने को तैयार नहीं था। गुलदस्ता को लगा कि इससे पीछा छुड़ाने के लिए यह कह देना उचित होगा कि तुममें कविता रचने की प्रतिभा है।

4. जब नजानू ने जानू और सुस्तराम पर कविताएँ सुनाई तो उन्होंने क्या कहा और क्यों?

उत्तर: जब नजानू ने जानू और सुस्तराम पर कविताएँ सुनाई तो चिढ़ते हुए जानू ने नजानू से कहा, “मैं मोटर की छत पर कब कूदा?” और सुस्तराम ने नाराज होते हुए कहा, “झूठ, सफेद झूठ! मेरी जेब में कोई सेब नहीं है। लो देख लो”।

5. नीचे दिए गए कथन किसने, किससे कहे?

(क) आओ, हम लोग नदी-पहाड़ खेलेंगे।

किसने कहा- छोटू ने

किससे कहा- नजानू से

(ख) अच्छा छड़ी की तुक बताओ।

किसने कहा- गुलदस्ता ने

किससे कहा- नजानू से

(ग) किसके बारे में हैं तुम्हारी कविताएँ?

किसने कहा- मोटू ने

किससे कहा- नजानू से

(घ) तुम्हें मेरी कविताएँ अच्छी लगीं?

किसने कहा- नजानू ने

किससे कहा- सभी बच्चों से

6. पाठ के आधार पर नीचे कुछ कथन दिए गए हैं। उनके सामने ‘हाँ’ अथवा ‘नहीं’ लिखिए-

(क) बच्चे नजानू को खेलने के लिए नहीं बुलाते।

उत्तर: नहीं

(ख) नजानू का मन खेल में नहीं लगता था ।

उत्तर: हाँ

(ग) नजानू एक बड़ा गायक बनना चाहता था।

उत्तर: नहीं

(घ) नजानू ने उठक-बैठक लगाई।

उत्तर: हाँ

(ङ) अंत में सारे बच्चे नजानू से कविता बनाना सीखना चाहते थे।

उत्तर: हाँ

बातचीत के लिए

1. आपको क्या-क्या करना अच्छा लगता है?

उत्तर: मुझे पढ़ाई करना, फुटबॉल खेलना, संगीत सीखना, कहानियाँ लिखना और नई-नई जगह घूमना अच्छा लगता है।

2. आप बड़े होकर क्या बनना चाहते हैं? क्यों?

उत्तर: मैं बड़ा होकर एक निर्देशक बनना चाहता हूँ क्योंकि आज के जमाने में दृश्य-श्रव्य का प्रचलन काफी बढ़ गया है और इसमें सृजनात्मकता की आवश्यकता पड़ती है।

3. क्या कविता लिखने के लिए प्रतिभा का होना आवश्यक है? क्यों?

उत्तर: हाँ, कविता लिखने के लिए भरपूर प्रतिभा होनी चाहिए तभी आप उत्तम कोटि की कविताएँ लिख सकते हैं इसके लिए आपको तुक बनाना आना चाहिए साथ ही साथ शब्दसमूह में दक्षता भी होनी चाहिए और परिस्थितियों की सही सही परख करने का गुण भी होना चाहिए।

अनुमान और कल्पना

1. यदि नजानू के मित्र उसके न खेलने पर नाराज़ हो जाते तो क्या होता?

उत्तर: यदि नजानू के मित्र उसके न खेलने पर नाराज़ हो जाते तो अपने मित्रों का मन रखने के लिए शायद नाजानू खेल खेलने के लिए राज़ी हो जाता और उसकी मुलाकात गुलदस्ता से नहीं होती।

2. अगर नजानू की जगह आप होते तो आप कैसी कविताएँ बनाते, बताइए।

उत्तर: अगर नजानू की जगह मैं होता तो पेड़-पौधों के प्रति संवेदनशीलता से भरी हुई एक कविता लिखने का प्रयास करता क्योंकि एक तो यह बेजुबान पेड़-पौधों की आवाज़ लोगों तक पहुँचाने का काम करता और दूसरा यह वर्तमान समय के अनुकूल है।

भाषा की बात

1. पाठ में आए कोई चार व्यक्तिवाचक व चार जातिवाचक संज्ञा शब्द को छाँटकर लिखिए-

व्यक्तिवाचक संज्ञा        जातिवाचक संज्ञा

     नजानू                        कविता

    गुलदस्ता                       चित्र

    सुस्तराम                       नदी

      मोटू                          पहाड़

      छोटू                           मुर्गी

2. पाठ में से कोई छह सर्वनाम शब्द छाँटकर लिखिए-

उत्तर: मैंने, यह, कोई, तुम, हम, तुम्हार

जीवन मूल्य

  • मैं बड़ा कलाकार बनना चाहता हूँ।
  • तुम तो चित्रकारी सीख रहे थे।
  • मैं आपकी तरह कविताएँ लिखना चाहता हूँ।

1. जीवन में कुछ बनने के लिए पहले उस विषय को सीखना जरूरी हैक्यों?

उत्तर: हमें सफलता उस समय मिलती है जब हम अपने मनचाहे क्षेत्र में दक्षता और महारत हासिल कर ले इसके लिए हमें उस कार्य में निपुण होने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती हैं, अपने मार्गदर्शक की सहायता लेनी पड़ती है और कई वर्षों के अभ्यास के बाद जाकर कहीं हम अपने कार्य में पारंगत हो पाते है इसलिए कहा गया है कि जीवन में कुछ करने के लिए पहले उस विषय को सीखना जरूरी है।

2. हमें कुछ भी नया सीखने के लिए किन गुणों को अपनाना चाहिए?

उत्तर: हमें कुछ भी नया सीखने के लिए सबसे पहले नम्र होना चाहिए अपने शिक्षक के प्रति समर्पण की भावना होनी चाहिए, दृढ संकल्प लेना चाहिए, जुझारू प्रवृत्ति वाला बनना चाहिए, हिम्मत नहीं हारनी चाहिए और सफलता मिलने पर अभिमानी न होकर सौम्य बने रहना चाहिए।

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