DAV Class 8 Hindi Chapter 4 Solutions

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DAV Class 8 Hindi Chapter 4 Solutions Dopaharee

DAV class 8 Hindi Gyan Sagar Book Question Answer chapter 4 dopaharee is given below. Here class 8 Hindi question answer is provided with great explanation.

Highlights

  1. कविता में से
  2. बातचीत के लिए
  3. भाषा की बात
  4. जीवन मूल्य

कविता में से

1. गरमी का वृक्षों पर क्या प्रभाव पड़ा?

उत्तर: गर्मी की प्रचंडता के कारण पेड़ के पत्ते झुलस गए थे। कुछ वृक्षों के पत्ते तो पूरे झड़ गए थे जिन्हें देखकर ऐसा लग रहा था मानो बड़े-बड़े कंकाल खड़े हो।

2. ‘जूते फटे हुए, जिनमें से झाँक रही गाँवों की आत्मा’- कविता की इस पंक्ति का भाव स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: जूते फटे हुए जिनमें से झाँक रही गाँवों की आत्मा इस पंक्ति के माध्यम से कवयित्री हमें गाँव की आर्थिक दुर्दशा के बारे में बता रही हैं कि ग्रामीण लोगों की वेश-भूषा और जीवन शैली से यह सहज अनुमान लगाया जा सकता है कि उनका जीवन अभावों में बीत रहा है।

3. गरमी में बड़े घर के कुत्तों को प्राप्त सुविधाओं और आम आदमी की मजबूरी की तुलना कीजिए।

उत्तर: गर्मी में बड़े घरों के कुत्ते वातानुकूलित कमरों में रहते हैं। बाथरूम में पानी की हल्की ठंडक में आँख मूंदकर लेटे रहते हैं और दूसरी तरफ़ आम आदमी अपने दो वक्त की रोटी के लिए गर्मी की ताप सहने के लिए मजबूर है। जो इस बात को दर्शाता है कि अमीर घर के कुत्ते आम आदमी से अच्छा जीवन व्यतीत करते हैं।

4. दोपहर बीत जाने के बाद संध्या के समय भी कोई बाहर क्यों नहीं निकलता?

उत्तर: दोपहर बीत जाने के बाद संध्या में भी कोई बाहर नहीं निकलता क्योंकि संध्या में भी गरम हवा की लहरों से शरीर को कष्ट पहुंचता है।

5. उचित उत्तर पर सही का निशान लगाइए-

उत्तर

क. कंकालों से

ख. चाबुक के बल पर

ग. गहरे-सूने रंग की चादर

6. कविता के दिए गए अंश को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर दीजिए

कभी एक ग्रामीण धरे कंधे पर लाठी

सुख-दुख की मोटी-सी गठरी

लिए पीठ पर भारी

जूते फटे हुए

जिनमें से झाँक रही गाँवों की आत्मा

जिंदा रहने के कठिन जतन में

पाँव बढ़ाए आगे जाता।

घर की खपरैलों के नीचे

चिड़ियाँ भी दो-चार चोंच खोल

उड़ती-छिपती थीं

खुले हुए आँगन में फैली

कड़ी धूप से।

(क) ग्रामीण ने कंधे पर क्या उठाया हुआ था?

उत्तर: ग्रामीण ने कंधे पर लाठी के सहारे एक गठरी उठाया हुआ था।

(ख) ग्रामीण पाँव आगे क्यों बढ़ाता जा रहा था?

उत्तर: ग्रामीण पाँव आगे ज़िन्दा रहने के कठिन कोशिश में बढ़ाता जा रहा था।

(ग) चिड़ियाँ किस कारण से और कहाँ उड़ती-छिपती थीं?

उत्तर: चिड़ियाँ कड़ी धूप से बचने के लिए घर की खपरैलों के निचे छाया की तलाश में उड़ती-छिपती थी।

बातचीत के लिए

1. घोड़ा दोपहरी में भी आगे बढ़ने के लिए क्यों मजबूर था?

उत्तर: घोड़ा दोपहरी में भी आगे बढ़ने के लिए मजबूर था क्योंकि उसकी पीठ पर चाबुक की मार पड़ रही थी जो प्रचंड गर्मी से कहीं अधिक पीड़ादायक थी।

2. गरमी की छुट्टियों में दोपहर के समय आप क्या करते हैं? कक्षा में चर्चा कीजिए।

उत्तर: गर्मी की छुट्टियों में मैं दोपहर में चित्रकारी करना, देर तक नहाना, किताबें पढ़ना, आइसक्रीम खाना आदि काम करता हूँ।

3. क्या मानव-समाज के समान पशु-जगत के जीव भी अमीर-गरीब की श्रेणी में आते हैं? अपने उत्तर के लिए कारण भी दीजिए।

उत्तर: मानव समाज के समान पश-जगत के जीव भी अमीर-गरीब की श्रेणी में आते हैं क्योंकि जिन पशुओं को घरों में पाला जाता है, अधिकतर यह देखा गया है कि उसके मालिक के पास अपार धन होता है और इस वजह से वे भी अमीर की श्रेणी में आ जाते हैं।

4. कविता ‘दोपहरी’ के किस अंश ने आपको प्रभावित किया और क्यों?

उत्तर:

“कभी एक ग्रामीण धरे कंधे पर लाठी

सुख-दुख की मोटी-सी गठरी

लिए पीठ पर भारी”

कविता के इस अंश ने मुझे बहुत प्रभावित किया है क्योंकि इन पंक्तियों में गाँव और ग्रामीणों के वास्तविक चित्र को उकेरा गया है।

भाषा की बात

1. कविता में आए निम्नलिखित शब्दों के दो-दो पर्यायवाची लिखिए-

उत्तर:

क. नभ – गगन, आकाश

ख. सर्प – साँप, भुजंग

ग. घर – सदन, आलय

घ. नैन – नेत्र, आँख

2. कविता के आधार पर दिए गए विशेष्य शब्दों के लिए विशेषण लिखिए-

उत्तर:

विशेषण            विशेष्य

क. काली            सड़के

ख. दुबला           घोड़े

ग. गरम              पीठ

घ. एक               ग्रामीण  

ड. मोटी             गठरी

च. फटे               जूते

जीवन मूल्य

1. समाज में अमीर-गरीब के भेदभाव पर चर्चा कीजिए और बताइए कि निर्धन वर्ग के विकास के लिए क्या-क्या किया जा रहा है?

उत्तर: समाज में निर्धन वर्ग के विकास के लिए सरकार की तरफ से अनेक योजनाएं चलाई जा रही है जैसे जन-धन योजना, इंदिरा आवास, लाडली योजना, मनरेगा योजना इत्यादि।

2. मनुष्य को जीवन में सुख के साथ कठिन परिस्थितियों का सामना भी करना पड़ता है। ऐसी कठिन परिस्थितियों में मनुष्य को क्या करना चाहिए?

उत्तर: जीवन सुख-दुख के चक्रों में निरंतर घूमता रहता है। सुख की बेला में तो बड़ा आनंद आता है पर कठिन परिस्थिति में हम विचलित हो जाते हैं। हमें चाहिए कि हम कठिन परिस्थिति में धैर्य और साहस से काम लें क्योंकि जब सुख स्थायी नहीं है तो दुख स्थायी कैसे रह सकता है?

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