DAV Class 8 Hindi Chapter 7 Solutions

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DAV Class 8 Hindi Chapter 7 Question Answer

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Highlights

  1. पाठ में से
  2. बातचीत के लिए
  3. अनुमान और कल्पना
  4. भाषा की बात
  5. जीवन मूल्य

पाठ में से

1. किस बात से पता चलता है कि बैस्टीयन स्वभाव से बहुत क्रूर और अक्खड़ था?

उत्तर: बेस्टीयन एक तहसीलदार था जिसे अंग्रेज सरकार द्वारा सड़क बनवाने का काम सौंपा गया था। बेस्टीयन स्वभाव से बहुत अक्खड़ और क्रूर था। वह आदिवासियों के गाँवों में गया और बड़े घमंड के साथ खूब चिल्ला-चिल्लाकर बोला, “दो दिन में जंगल में सड़क बनाने का काम शुरू होगा। तुम सब लोगों को इस काम पर पहुँचना है। अगर नहीं पहुंचे तो ठीक नहीं होगा। अंग्रेज सरकार का हुक्म है, यह जान लो।

आदिवासी लोग चुप हो गए। किसी ने हिम्मत करके तहसीलदार से पूछना चाहा कि काम करेंगे तो बदले में क्या मिलेगा? तो बेस्टीयन का चेहरा तमतमा गया, “क्या मिलेगा? हुक्म बजाना नौकर का काम है। आगे से यह सवाल मत पूछना।” आदिवासी सहम गए। काम पर जाने लगे। इन सभी बातों से यह स्पष्ट हो जाता है कि बेस्टीयन बहुत ही क्रूर और अक्खड़ स्वभावा का था।

2. श्रीराम राजू का पूरा नाम क्या था? आदिवासियों से उसका परिचय किस प्रकार हुआ?

उत्तर: श्रीराम राजू का पूरा नाम अल्लूरी श्रीराम राजू था। श्रीराम राजू ने हाई स्कूल तक पढ़ाई की थी। उसके बाद अगली पढ़ाई छोड़कर 18 वर्ष की उम्र में ही वह साधु बन गया। जब वह उन जंगलों में रहने आया तो आदिवासी लोगों से अच्छी तरह हिल-मिल गया। लोग उसे अपने दुख-दर्द की कहानी सुनाते और इस तरह आदिवासियों से उसका परिचय हुआ।

3. श्रीराम राजू की किस बात को सुनकर आदिवासियों में हिम्मत आई?

उत्तर: जब लोग उसे अपने दुख-दर्द की कहानी सुनाते और पूछते कि कैसे अपने कष्टों से छुटकारा पाएँ? तब श्रीराम राजू ने आदिवासियों से कहा, “अत्याचार के सामने दबना नहीं चाहिए। तुम लोगों को काम पर जाने से मना करना चाहिए। “उसकी बात सुनकर आदिवासियों में हिम्मत आई श्रीराम राजू ने उन्हें यह भी बताया कि देश में और लोग भी अंग्रेजों के अत्याचार के खिलाफ़ लड़ रहे हैं।

उनमें एक मशहूर नेता है जिनका नाम गाँधी जी है। गाँधी जी का कहना है कि भारत के लोगों को अंग्रेज सरकार का सहयोग नहीं करना चाहिए और उनका काम बंद कर देना चाहिए। अगर कोई अंग्रेज अन्याय करेगा तो हम अन्याय सहने से इनकार करेंगे। यह सब सुनकर कोया आदिवासियों का दिल मजबूत हुआ।

4. कोया आदिवासी भारतीय सिपाहियों का ध्यान किस प्रकार रखते थे?

उत्तर: अल्लूरी श्रीराम राजू ने आदिवासियों से यह कह रखा था कि किसी भी भारतीय सैनिक का बाल भी बाँका न होने पाए इसलिए जब जंगल की संकरी पगडंडियों से अंग्रेजी सेना गुजर रही होती थी तो जंगल में छिपे आदिवासी भारतीय सैनिकों को गुजर जाने देते और जैसे ही उन्हें कोई अंग्रेज सिपाही, सारजेंट या कमांडर नजर आता उन पर अचूक निशाना लगाकर उनका काम तमाम कर देते थे।

5. श्रीराम राजू ने अंग्रेजों के सामने समर्पण क्यों किया?

उत्तर 5. जब अंग्रेज़ों ने जंगल के उन रास्तों को बंद कर दिया जिन रास्तों से आदिवासियों के लिए खाने की वस्तुएँ आया करती थीं और भंडार के रूप एकत्र किए गए सारे फसलों को भी अंग्रेजों द्वारा जला दिया तो भूख के मारे आदिवासियों का बुरा हाल होने लगा। क्रांतिकारी गतिविधियाँ भी रुक गई। ऐसी स्थिति में अल्लूरी श्रीराम राजू को यह लगा कि अगर वह आत्म-समर्पण कर दें तो अंग्रेज आदिवासियों को सताना बंद कर देंगे इसलिए राजू ने अंग्रेजों के सामने आत्म समर्पण कर दिया।

6. उचित शब्दों से रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए-

उत्तर:

क. 1922

ख. हाई स्कूल

ग. मंपा

घ. कुंचू मेनन

बातचीत के लिए

1. अंग्रेजों की क्या योजना थी?

उत्तर: अंग्रेजों की योजना थी कि घने जंगलों और पहाड़ों को चीरती हुई एक सड़क बिछाई जाए।

2. सड़क बनवाने का काम किसे सौंपा गया?

उत्तर: सड़क बनवाने का काम तहसीलदार बेस्टीयन को सौंपा गया।

3. श्रीराम राजू ने आदिवासियों को गाँधी जी के बारे में क्या बताया?

उत्तर: श्रीराम राजू ने कोया आदिवासियों को भारत के मशहूर नेता गाँधीजी के बारे में बताया कि गाँधीजी सभी भारतीयों से यह कहते हैं कि हमें अंग्रेज सरकार का सहयोग नहीं करना चाहिए और कोई अंग्रेज अन्याय करेगा तो हमें अन्याय सहने से इनकार कर देना चाहिए।

4. किस इलाके के आदिवासी लोग अन्याय के खिलाफ संघर्ष में कूद पड़े?

उत्तर: भद्राचलम से परवथीपुरम तक पूरे इलाके के आदिवासी लोग अन्याय के खिलाफ लड़ने के लिए संघर्ष में कूद पड़े।

5. श्रीराम राजू की शहादत ने अंग्रेज़ों को कौन-सा पाठ पढ़ा दिया था?

उत्तर: श्रीराम राजू की शहादत ने अंग्रेजों को यह पाठ पढ़ा दिया कि आदिवासियों के साथ मनमर्जी नहीं की जा सकती। उनके अधिकारों की रक्षा करना बहुत आवश्यक है।

अनुमान और कल्पना

1. यदि श्रीराम राजू की जगह आप होते तो क्या करते?

उत्तर: यदि श्रीराम राजू की जगह मैं होता तो मैं भी आत्मसमर्पण कर देता परंतु अपने भरोसेमंद लोगों से यह ज़रूर कहता कि अगर किसी अंग्रेज़ ने कोई भी ऊँच-नीच की तो तुम अपने तीर-धनुष से उनकी छाती भेद देना।

2. यदि श्रीराम राजू अंग्रेजों के सामने आत्मसमर्पण न करता तो क्या होता?

उत्तर: यदि श्रीराम राजू आत्मसमर्पण न करते तो अंग्रेज़ संदिग्ध आदिवासियों को बुरी तरह पीटते, उनके निवास स्थान को उजाड़ देते और खाने की कमी के कारण आदिवासी भूखे मर जाते।

3. अगर श्रीराम राजू को कचहरी में पेश किया जाता तो क्या होता?

उत्तर: अगर श्रीराम राजू को कचहरी में पेश किया जाता तो उनपर राजद्रोह का आरोप लगाया जाता और उन्हें कुछ सालों की सजा होती।

भाषा की बात

1. पाठ में आए हुए दो-दो अनुस्वार, अनुनासिक तथा नुक्ता लगे शब्द छाँटकर दिए गए स्थान में लिखिए-

उत्तर:

   अनुस्वार  अनुनासिक   नुक्ता

क.    संघर्ष         ऊँगली      फ़ैसला

ख.    लंबा         पहुँचाना      अंग्रेज़

2. निम्नलिखित पंक्तियों में प्रयोग किए गए मोटे काले विराम चिह्न पहचानिए तथा उनके नाम लिखिए

(क) आदिवासियों की हिम्मत जवाब देने लगी।

(ख) “हुक्म बजाना नौकर का काम है।”

(ग) वह उन्हें सुन-सुनकर फूला न समाता।

(घ) सड़क के निर्माण के लिए मजदूर कहाँ से आएंगे?

उत्तर:

    चिह्न        नाम

(क)   ।        विराम चिह्न

(ख)   “”        उद्धरण चिह्न

(ग)     –        योजक चिह्न

(घ)    ?         प्रश्नसूचक चिह्न

जीवन मूल्य

1. ‘जीवन अनमोल है’ इस बात को ध्यान में रखते हुए बताइए कि अपनी भीषण समस्या का समाधान करने के लिए आप क्या करेंगे?

उत्तर: मेरा जीवन बहुत अनमोल है और जीवन है तो समस्याएँ आएँगी ही आएँगी। ऐसे में मैं सांति से किसी भी समस्या का समाधान निकालूँगा क्योंकि मेरा यह मानना है कि ऐसी कोई भी समस्या नहीं जिसका समाधान न हो। कभी-कभी जब मैं अपने स्तर पर समस्या का समाधान ढूँढने में विफल हो जाता हूँ तो अपने भरोसेमंद लोगों के अनुभवों का लाभ भी उठाता हूँ।

2. किसी ऐसी घटना के बारे में बताइए जब आपने किसी अत्याचार या अन्याय का विरोध किया हो। उसका परिणाम क्या रहा?

उत्तर: एक बार रेलवे स्टेशन पर जब एक व्यक्ति एक भूके बच्चे को खाने देने के बजाय उसे परेशान कर रहा था तो मैंने और मेरे अगल-बगल बैठे कुछ लोगों नें उस आदमी को उसके अनैतिक कार्य के लिए बहुत बुराभला कहा। इस कार्य से वह आदमी अपनी गलती सोचने पर मजबूर हो गया उसने मुझसे और उस बच्चे से माफ़ी माँगी।

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